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Showing posts from July, 2025

सब्र 😇

 25/June/2025 Around 6:44 PM विषय = सब्र 😇   यही कुछ कि कैसे इंसान अपनी जिंदगी में बहोत सब्र करता आता है, और बहुत कुछ चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पाता है, बस इसलिए लिख रहा हूँ की हाँ सब्र है मुझे हर चीज का..☺️ ¹ सब्र का बांध भी मेरी जान टूट जाता है जब जिंदगी का नाता भी खुदसे टूट जाता है । कहने को बहुत कुछ होता है पर कहा नहीं जाता  कितना सब्र करें अब रहा नहीं जाता ।।🥺 ² माँ-बाप के ताने ज़माने का डर भी तो खाता है  सब्र कर लेता हूँ हर चीज़ का वर्ना कहाँ रहा जाता है । बुरा मान के बातों का कर्ज चुकाना है रातों का  बोला जो भी जुबान ने बोला क्या कसूर था आँखों का ।। ³ जब मेरा सब्र टूट गया  हर कोई मुझसे रूठ गया । बहोत बोला था लोगों ने  जब मेरा दिल भी टूट गया ।। अब सच बोला तो क्या बोला  उनका दिल भी टूट गया ।।। ⁴ अपनी भाँति जान गया हूँ  सब्र जरूरी मान गया हूँ । दुनिया की सच्चाई को  मैं भी अब थोड़ा जान गया हूँ ।। ज्यादा चुप्पी ठीक नहीं  अब कोई कदम उठाओ ना। बहोत सब्र कर लिया अजय अब तुमने  अब बोल के कुछ दिखलाओ ना ।। ⁵ इन लिखी बातों को थोड़ा ...

दिल घबराता है 😦

 26/June/2025 Around 9:30 PM विषय = दिल घबराता है 🥺 ज्यादा कुछ नहीं बस काफी दिन, दिन क्या महीने हो गए हैं कुछ नहीं लिखा तो सोचा कि क्यूँ ना आज कुछ लिखूँ जैसे कि मोहब्बत की कैद में आने से दिल घबराता है..!! . .   दिल घबराता है  . . . . . . ¹ हसीन-हसीन चेहरे देख मेरी जान कहाँ रहा जाता है हिम्मत नहीं बोलने की, मेरा दिल बहोत घबराता है । एक नज़र छुपकर देख लूँ तुझे  बिना देखे तुझे मुझसे कहाँ रहा जाता है ।। नजरे आपस में टकरा जाएँ तो  ब्लड प्रेशर सा बढ़ जाता है । मैं आँखों को समझा लूँ पर  दिल को कहाँ कुछ समझ आता है।। ² ये प्यार, ये इश्क, ये मोहब्बत  ये मेरे बस की बात नहीं । टूट ना जाये दिल फिर एक बार कहीं  तेरी बातों का मुझपे अब असर हो जाता है बस कर अब चुप होजा ये दिल बहोत घबराता है।। छोड़ ना मेरी कमजोरी क्यूँ बर्बाद खुदको करती है अलविदा कहकर मुझको तू आज़ाद कर खुदको  क्यूँ इस कमजोर दिल वाले इंसान पर मरती है। तुझसे भी मेरी जान अब कहाँ रहा जाता है  तेरे बारे में सोच-सोच मेरा दिल बहोत घबराता है ।। ³ तेरे साथ बिताया हर पल मेरे दिल में जैसे नश्त...