आज फरवरी (फाल्गुन) महीने का आखरी दिन है और BLOG को डाले भी यही करीब 6 या 7 महीने बीत चुके है, तो सोचा कुछ UPLOAD किया जाए जो की ज़िन्दगी से मेल खाता हो और थोड़ा माहौल को भी दिखाए तो ये शायरी या पोएट्री जो भी कहते हो ये मेरे दिमाग में तब आई जब मैं एक पाकिस्तानी ड्रामा मुझे प्यार हुआ था देख रहा था तो मैंने कुछ लिखा है, पढ़ के बताना दोस्तों कैसी लगी कही न कही थोड़ी बहोत भी पसंद आये तो जरुर बताना...!! हाँ हमें उनसे मोहब्बत हुई थी पर हम कभी जता ना सके 😊 वो चाहते रहे हमें छोड़ किसी और को हम चाहकर भी उन्हें समझा न सके || 😒 कहना तो चाहते थे हम उनसे अपने दिल की बात 😍 मगर वो मुह फेर कहते तुम अपनी मोहब्बत ठीक से जता न सके चाहते थे ज़िन्दगी भर वो हमारे साथ हो पर ज़िन्दगी की इस भीड़ में हम उसे पा न सके || 😐 बहोत चाहते थे लोग उसे और उसके मिजाज़ को 😃 उसकी चाहत के सिकवे भी मोहल्ले में वाकिफ थे बुलाती थी बार बार मिलने को महबूब की तरह हम थे जो उसके मोहल्ले में फिर कभी जा न सके || 😓 आती थी निकल घर से तो देखा करते थे लोग 😮 चाँद से चेहरे को निहारा करते थे लोग...
Hey ! This is Ajay Kasana, Aur Main Yaha Wo Likhta Hoon Jo Bhi Main Observe Karta Hoon Aur Sab Kuch Mujhe Bahot Prabhawit Karta Hai Umeed Hai Aise He Main Likhta Rahunga Aur Aap Jo Bhi Log Ise Padhengey Aapko Padhke Accha Ya Bura Lag Sakta Hai But Sabka Nazariya Alag Alag Hota Hai, Agar Aapko Accha Lagey To Aap Samjhey Ki Aap Ki Soch Shayad Mujhse Milti Hai Aur Agar Aapko Bura Lagey To Aap Samjhein Ki Shayad Aapka Nazariya Alag Hai, Har Cheez Ek Jaisi Nahi Hoti, Hope You Understand Guys...❤️